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लेखनी प्रतियोगिता -19-May-2023 खोया हुआ एक द्वीप

समुद्र के बीचों-बीच 
कभी एक द्वीप हुआ करता था 
गालों में पड़े डिंपल की तरह 
वह सदैव मुस्कुराया करता था 
जीवन वहां नदी की तरह बहता था 
यौवन अल्हड़ गोरी सा मचलता था 
बहारें सुरमई शाम सी गुनगुनाती थी 
प्रीति चांदनी सी छन छन कर आती थी 
पर उस द्वीप को किसी की नजर लग गई 
एक दिन एक सुनामी उसे पूरा निगल गई 
वह द्वीप सागर की लहरों में कहीं खो गया 
जैसे प्रेम चकाचौंध की दुनिया में कहीं सो गया 
पर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था 
सागर को अपनी ताकत पर गुरूर था 
वक्त से बड़ा पहलवान कौन होता है 
सागर भी तो वक्त के चरण धोता है 
सागर के जब बुरे दिन आने लगे 
सब लोग साथ छोड़कर जाने लगे 
उसका प्रभाव और पानी दोनों कम होने लगे 
लोगों को उस खोये हुए द्वीप के दर्शन होने लगे 
देखते देखते सैलानियों का रेला आने लगा 
खोये हुए द्वीप का वैभव अपना मुकाम पाने लगा 
खोया हुआ प्यार और खोया हुआ सम्मान 
जब मिलता है तो उसका आनंद अवर्णनीय होता है 
खोने के बाद पुनः हासिल करने वाला भाग्यशाली होता है 

श्री हरि 
19.5.23 


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12 Comments

Punam verma

20-May-2023 09:31 PM

Very nice

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Abhinav ji

20-May-2023 08:56 AM

Very nice 👍

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सुन्दर सृजन

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Hari Shanker Goyal "Hari"

20-May-2023 07:24 AM

🙏🙏🙏

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